UPI से लेनदेन करने वालों के लिए बड़ा खतरा! SBI ने जारी की चेतावनी, जल्दी देखे

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भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों को एक टेक्स्ट मैसेज कर चेतावनी दी है और सतर्क रहने की अपील की है। एसबीआई ने मैसेज में लिखा है, ”प्रिय एसबीआई ग्राहक, अप्रत्याशित डिपॉजिट के बाद तत्काल पैसे वापस करने वालेस अनुरोधों से सावधान रहें। सत्यापन के बिना कलेक्ट यूपीआई रिक्वेस्ट को अप्रूव न करें।’

डिजिटल भुगतान के युग में UPI (Unified Payments Interface) ने लेनदेन को बेहद आसान बना दिया है। आज लाखों लोग हर रोज अपने स्मार्टफोन के जरिए खरीदारी, बिल भुगतान और पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं। लेकिन बढ़ते डिजिटल लेनदेन के साथ साइबर फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी को देखते हुए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ग्राहकों को सावधान रहने की चेतावनी दी है।

यदि आप भी UPI का इस्तेमाल करते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि कैसे सुरक्षित लेनदेन किया जाए और किन खतरों से बचा जाए।


UPI लेनदेन में संभावित खतरे

SBI ने ग्राहकों को उन खतरों से आगाह किया है जो डिजिटल लेनदेन करते समय सामने आ सकते हैं:

  1. फिशिंग लिंक:
    धोखेबाज फर्जी वेबसाइट्स और लिंक के जरिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं।
  2. फर्जी कॉल:
    साइबर अपराधी बैंक प्रतिनिधि बनकर OTP या UPI पिन मांग सकते हैं।
  3. फर्जी UPI ऐप्स:
    कई नकली ऐप्स आपकी जानकारी चुराने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
  4. क्यूआर कोड स्कैम:
    धोखेबाज पैसे भेजने के बजाय आपके अकाउंट से पैसे निकालने के लिए फर्जी क्यूआर कोड का उपयोग करते हैं।

SBI द्वारा दिए गए सुरक्षा सुझाव

  1. फिशिंग से बचाव:
    • किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
    • केवल आधिकारिक वेबसाइट और बैंक ऐप का ही उपयोग करें।
  2. OTP और UPI पिन गोपनीय रखें:
    • किसी से भी अपना OTP, पिन या बैंकिंग डिटेल साझा न करें।
    • बैंक कभी भी OTP या पिन नहीं मांगता।
  3. सुरक्षित ऐप्स का उपयोग:
    • केवल Google Play Store या Apple App Store से ही UPI ऐप डाउनलोड करें।
  4. क्यूआर कोड सतर्कता:
    • किसी भी अज्ञात स्रोत से मिले क्यूआर कोड को स्कैन न करें।
  5. अपना पिन नियमित रूप से बदलें:
    • सुरक्षा के लिए समय-समय पर अपने UPI पिन को बदलते रहें।

UPI लेनदेन में सावधानियां

धोखाधड़ी प्रकार बचाव के तरीके
फिशिंग लिंक लिंक पर क्लिक करने से बचें
फर्जी कॉल कॉल पर पिन/OTP साझा न करें
नकली ऐप्स आधिकारिक स्रोत से ऐप डाउनलोड करें
क्यूआर कोड स्कैम सत्यापित कोड ही स्कैन करें

कैसे पहचानें फर्जी लेनदेन या ऐप्स?

  1. वेबसाइट का URL जांचें:
    • हमेशा आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें।
  2. ऐप रिव्यू पढ़ें:
    • ऐप इंस्टॉल करने से पहले उसके रिव्यू और रेटिंग चेक करें।
  3. अनावश्यक अनुमतियों से बचें:
    • यदि कोई ऐप अनावश्यक अनुमति मांगता है, तो उसे इंस्टॉल न करें।

क्या करें यदि धोखाधड़ी हो जाए?

  1. तुरंत बैंक से संपर्क करें:
    • SBI कस्टमर केयर से तुरंत संपर्क करें।
  2. साइबर अपराध सेल में शिकायत दर्ज करें:
  3. लेनदेन की निगरानी करें:
    • अपने बैंक खाते की नियमित रूप से निगरानी करें।

SBI द्वारा जारी अन्य महत्वपूर्ण सुझाव

  1. सुरक्षित नेटवर्क का उपयोग करें:
    • केवल विश्वसनीय वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करें।
  2. द्वि-स्तरीय प्रमाणीकरण का उपयोग करें:
    • अपने बैंकिंग ऐप्स में अतिरिक्त सुरक्षा के लिए द्वि-स्तरीय प्रमाणीकरण सक्षम करें।
  3. संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करें:
    • बैंक को किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।

ग्राहकों की सुरक्षा के लिए SBI की अपील

SBI ने अपने ग्राहकों से डिजिटल लेनदेन करते समय सतर्क रहने की अपील की है। बैंक समय-समय पर अपने ग्राहकों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करता रहता है और उन्हें सुरक्षित लेनदेन के लिए आवश्यक टिप्स प्रदान करता है।


FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1: क्या बैंक कभी OTP या UPI पिन मांगता है?
A1: नहीं, बैंक कभी भी OTP या पिन की मांग नहीं करता।

Q2: क्या क्यूआर कोड स्कैन करना सुरक्षित है?
A2: केवल सत्यापित स्रोतों से प्राप्त क्यूआर कोड ही स्कैन करें।

Q3: अगर धोखाधड़ी हो जाए तो क्या करें?
A3: तुरंत बैंक से संपर्क करें और साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें।


निष्कर्ष

डिजिटल लेनदेन के बढ़ते उपयोग के साथ ही सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है। SBI द्वारा दी गई यह चेतावनी आपको साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए है। सतर्कता और सुरक्षा उपायों का पालन करके आप सुरक्षित डिजिटल बैंकिंग अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।

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