भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में ₹500 के नोट के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण नई गाइडलाइन जारी की हैं। यह गाइडलाइन आम जनता को नोटों की सुरक्षा और उपयोग में होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए जारी की गई है। इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य नकली मुद्रा पर अंकुश लगाना और सार्वजनिक सुविधा को बढ़ाना है। आइए, जानते हैं कि RBI ने ₹500 के नोटों को लेकर कौन सी नई गाइडलाइन जारी की है और इससे आपको क्या फायदा होगा।
1. नकली मुद्रा की पहचान के लिए सुरक्षा विशेषताएँ
आरबीआई ने नकली ₹500 के नोटों की पहचान के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा विशेषताएँ निर्धारित की हैं, ताकि जनता आसानी से असली और नकली नोट में अंतर कर सके। इन सुरक्षा फीचर्स को समझना और पहचानना अब ज्यादा आसान हो गया है।
- सुरक्षा धागा: असली ₹500 के नोट में एक विशेष सुरक्षा धागा होता है जो पराबैंगनी (UV) प्रकाश में चमकता है।
- महात्मा गांधी का वाटरमार्क: नोट के एक कोने में महात्मा गांधी का वाटरमार्क होता है, जिसे सही से देखा जा सकता है।
- स्पर्श से महसूस होने वाले निशान: असली नोट पर कुछ विशेष निशान होते हैं जिन्हें आप अपनी अंगुलियों से महसूस कर सकते हैं।
इन सुरक्षा विशेषताओं का ध्यान रखकर आप आसानी से नकली नोट की पहचान कर सकते हैं।
2. कटे-फटे नोटों का विनिमय
आरबीआई ने कटे-फटे या क्षतिग्रस्त ₹500 के नोटों को बदलने की प्रक्रिया को बहुत ही सरल बना दिया है। अब आप अपने कटे-फटे नोटों को किसी भी बैंक शाखा में जमा करके उन्हें नया नोट प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह से निःशुल्क है, और यह सेवा अधिकांश बैंकों में उपलब्ध है।
यदि आपके पास कोई पुराना या क्षतिग्रस्त ₹500 का नोट है, तो आप इसे बिना किसी परेशानी के बदलवा सकते हैं, और इससे आपको बैंकिंग सिस्टम में कोई अतिरिक्त बोझ नहीं होगा।
3. स्टार चिह्न वाले ₹500 के नोट की वैधता
आरबीआई ने यह स्पष्ट किया है कि स्टार चिह्न वाले ₹500 के नोट पूरी तरह से वैध हैं। स्टार चिह्न वाले नोट उस स्थिति में जारी किए जाते हैं जब मुद्रण के दौरान कोई नोट क्षतिग्रस्त हो जाता है। ऐसे नोटों को लेकर किसी प्रकार का संकोच या भ्रम नहीं होना चाहिए। ये नोट भी सामान्य ₹500 के नोटों की तरह ही इस्तेमाल किए जा सकते हैं और इनकी वैधता पूरी तरह से मान्य है।
RBI द्वारा ₹2000 के नोटों की वापसी और नकली नोटों पर कड़ी कार्रवाई
पिछले साल मई में आरबीआई ने ₹2000 के नोट को धीरे-धीरे चलन से बाहर करने का फैसला लिया था। इस योजना के तहत लगभग 97.7% ₹2000 के नोट बैंक में वापस जमा हो चुके हैं। इसके साथ ही, बैंकिंग प्रणाली से नकली नोटों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान 26,000 से अधिक नकली नोट पकड़े गए, जिससे नकली मुद्रा के प्रसार को कम करने में मदद मिली।
डिजिटल भुगतान और नकदी का संतुलन
आरबीआई के सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि डिजिटल भुगतान की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन फिर भी नकद लेनदेन का महत्व खत्म नहीं हुआ है। 22,000 से अधिक लोगों के मुताबिक, वे डिजिटल भुगतान के साथ-साथ नकद का भी इस्तेमाल करते हैं। इसका मतलब है कि ₹500 के नोट का प्रचलन अभी भी काफी ज्यादा है और इसका महत्व बरकरार है।
₹500 के नोट की मुद्रण लागत
वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोटों के मुद्रण पर कुल ₹5,101 करोड़ खर्च किए हैं, जिसमें ₹500 के नोट की हिस्सेदारी 86.5% हो गई है। यह वृद्धि मुख्य रूप से ₹2000 के नोटों की वापसी के कारण हुई है।
सावधानियां और सुझाव
आरबीआई ने आम जनता से अपील की है कि वे ₹500 के नोट की सुरक्षा विशेषताओं की जांच करें और यदि किसी को नकली नोट मिले तो उसे बैंक या पुलिस स्टेशन में तुरंत जमा करें। साथ ही, कटे-फटे नोटों को समय रहते बदलवाएं और स्टार चिह्न वाले नोटों को बिना किसी संकोच के स्वीकार करें।
निष्कर्ष
आरबीआई द्वारा जारी की गई इन नई गाइडलाइनों का पालन करके न केवल नकली मुद्रा की पहचान में मदद मिलेगी, बल्कि सार्वजनिक सुविधा और विश्वास भी बढ़ेगा। इन दिशानिर्देशों को लागू करके हम सभी एक सुरक्षित और मजबूत वित्तीय प्रणाली की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
आपकी जानकारी के लिए: अगर आप इन गाइडलाइनों के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं तो आप आरबीआई की वेबसाइट पर जा सकते हैं या संबंधित बैंक से संपर्क कर सकते हैं।